Thursday 2 February 2017

ये सफर

ये
तन्हा
सफर
उदासियां
मुश्किलें कई
चुनौतियाँ नई
कैसे कटे जीवन।


रहे
आसान
ये सफर
साथ तुम हो
मन में हौसला
मिटेगा हर फासला।

प्रीति सुराना

3 comments:

  1. अकेले चलना हमें अक़्सर जल्दी थका देता हैं। हमसफ़र के साथ चलते हुए सफ़र आसान मजिंल पाने की खुशी दूगनी हो जाती हैं। अगर सफ़र प्रेम का हो तो हमसफ़र बहुत ज़रूरी होता हैं। क्योंकि प्रेम में अकेलापन हमें कुछ ज्यादा ही खलता हैं।
    लेकिन सच्चाई .य़े हैं हमें प्रेम के साथ अकेलापन उपहार में मिलता हैं
    सुन्दर शब्द रचना
    http://savanxxx.blogspot.in

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  2. सफर कितना भी मुश्किल हो, साथ उसे आसान बनाने लगता है।

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